अफ्रीका के युगांडा के बुंडीबुग्यो जिले में फिलहाल ही नई बीमारी ‘डिंगा डिंगा’ ने अपने पैर पसारकर कहर बरसाना चालू कर दिया है। इसका असर ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों पर देखा गया है।
युगांडा में वायरस का आक्रमण
अफ्रीका के युगांडा के बुंडीबुग्यो जिले में फिलहाल ही नई बीमारी ‘डिंगा डिंगा’ ने अपने पैर पसारकर कहर बरसाना चालू कर दिया है। इसका असर ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों पर देखा गया है। इसकी चपेट में शरीर मे अनियंत्रित कंपन होती है । और कुछ अधिक गंभीर मामलों में लकवा तक हो सकता है।
धारा के पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा (Uganda) के बुंदीबुग्यो नामक जिले में एक अजीब सी रहस्यमयी बीमारी आई हुई है जिसने अपने प्रकोप से करीब 300 से ज्यादा लोगों को अपनी आगोश में ले लिया।
जिसमें अधिकतर महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। IANS के अनुसार, इस बीमारी में तेज बुखार आता है और शरीर में बहुत तेज कंपन होती है, जिससे चलने-फिरने तक में काफी परेशानी होती है। ‘डिंगा डिंगा’ वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में कई तरह के विशिष्ट लक्षण जा रहे हैं. इसमें बुखार आने के साथ-साथ शरीर में कम्पन और बहुत अधिक कमजोरी शामिल है। कुछ गंभीर मामलों में, लोगों को लकवा लकवा तक हो रहा है।
युगांडा की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,
संक्रमित लोगों के लिए चलना फिरना तक मुश्किल है।क्योंकि मरीज का शरीर अनियंत्रित रूप से कांपता है। युगांडा के स्वास्थ्य अधिकारी इस चिंताजनक बीमारी और इसके पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी की मौत की पुख्ता जानकारी नहीं मिली है। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी समय के साथ मेडिकल ट्रीटमेंट लेने का बोल रहे हैं।
स्वास्थ्य होने में लग सकता है एक हफ्ता या आधिक समय
इस समय इसके उपचार के लिए डॉक्टरों द्वारा एंटीबायोटिक्स दिए जा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कियिता क्रिस्टोफर ने मीडिया को बताया कि मरीज आमतौर पर लगभग एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं।
हर्बल दवाओ से उपचार
उन्होंने बताया कि इस समय हर्बल दवाई के उपचारों यह बीमारी ठीक हो सकती है “इस बात का अभी कोई कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि हर्बल दवा डिंगा डिंगा बीमारी का इलाज कर कर पाने सक्षम है। हम अभी की स्थिति में मौजूदा ट्रीटमेंट का उपयोग कर रहे हैं। और आगे कहा कि मैं स्थानीय लोगों से जिला स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ खुद की देखभाल करने की विनती करता हूं.”
डॉ. कियिता के अनुसार
इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए, वहा के स्वास्थ्य अधिकारी स्वच्छता को बनाए रखने एवं प्रभावित मरीजो के संपर्क से बचने और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की टीमों को तत्काल नए मामलों की सूचना देने की सलाह दे रहे है।
डॉ. कियिता ने बताया है कि बुंदीबुग्यो शहर के बाहर अभी किसी प्रकार से कोई केस नहीं देखा गया है।संक्रमित व्यक्तियों के सैंपल को लेकर आगे की जांच के लिए युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे जा रहे है।
डांसिंग प्लेग’ नामक बीमारी
इस बीमारी की तुलना कभी इतिहास में आई बीमारी से की जा रही है। कहा जाता है कि फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में 1518 में ‘डांसिंग प्लेग’ नामक बीमारी आई थी जहां लोग कई दिनों तक खुद पर से काबू खोकर नाचते रहते थे, जिससे कारण कभी-कभी थकावट की वजह से उनकी मौत तक हो जाती थी।
डिंगा-डिंगा’ वायरस से फैल रही बीमारी पर जल्दी ही रोक नही लगी तो कही ये भी कोई गंभीर महामारी का रूप न धारण कर ले। फिलहाल में इस बीमारी से मौत न होते हुए भी यह एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रही है।
क्या भारत को भी चिंतित होने की जरूरत है?
अब चिंता का विषय यह है कि क्या भारत को इस वायरस को लेकर चिंतित होने की आवश्यक है। क्योंकि अफ्रीकी देश युगांडा में यह वायरस अभी तक चिंता का विषय बना हुआ है।
डॉक्टरो का कहना हैं कि फिलहाल अभी भारत में इस वायरस को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि अभी यह वायरस युगांडा में केवल एक ही जिले में ही फैला हुआ है। और इसके अलावा इसके दूसरे शहरों या देश में फैलने या होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि अभी की हालातो में भारत के लोगों को भी युगांडा जाने से बचना चाहिए। क्योंकि वहा अभी डिंगा डिंगा वायरस का प्रकोप बना हुआ है।