इमली जैसे खट्टे पदार्थ हमारे शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम के स्तर को करते है प्रभावित….
खट्टे पदार्थ हमारे शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम के स्तर को कैसे प्रभावित करते हैं
खट्टे पदार्थ, जैसे नींबू, इमली, संतरा, और अन्य साइट्रस फल, हमारे शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम के स्तर को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित कर सकते हैं।
यह उनके रासायनिक घटकों और शरीर में उनकी क्रियावली पर निर्भर करता है।
इमली एक खट्टे स्वाद वाला फल है
इमली बहुत से पोषक तत्वों खजाना लिए हुये होता है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम भी उपस्थित होते हैं, जो शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज तत्व हैं।
इमली का सेवन इन खनिजों Ca एवं Mg पर निम्नलिखित तरीकों से प्रभाव डाल सकता है…
1 कैल्शियम पर प्रभाव
इमली में कैल्शियम की थोड़ी मात्रा पाई जाती है, जो हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए रखने में सहायता प्रदान करती है।
● कैल्शियम अवशोषण में सहायता
इमली में विटामिन C के साथ साथ कार्बनिक अम्ल (टार्टरिक एसिड) होते हैं। ये acid खाये हुए भोजन से कैल्शियम के अवशोषण में शरीर की मदद करते हैं, जिससे शरीर को कैल्शियम की अधिक मात्रा मिलती है।
● अत्यधिक सेवन से समस्या
यदि इमली को बहुत अधिक मात्रा में खाया जाय तो इसकी अम्लीय प्रकृति कैल्शियम के अवशोषण (Absorption of calcium) को प्रभावित कर सकती है, जिससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा में कमी आ सकती है।
2 मैग्नीशियम पर प्रभाव
इमली में मैग्नीशियम की मात्रा भी पाई जाती है, जो मांसपेशियों, तंत्रिका तंत्र, और शरीर में ऊर्जा उत्पादन के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण घटक है।
● मैग्नीशियम के संतुलन में मदद
इमली में उपस्थित पोटैशियम और अन्य उपस्थित खनिज मैग्नीशियम के स्तर को संतुलित रखने में बहुत सहायक होते हैं।
अत्यधिक अम्लीयता का प्रभाव
इमली का अधिक मात्रा में सेवन शरीर के pH लेवल को प्रभावित कर सकता है। इससे मैग्नीशियम की उपलब्धता पर भी अच्छा खासा असर पड़ सकता है, क्योंकि शरीर मे अत्यधिक अम्लीयता खनिजों के अवशोषण को कम करते हुये उसे प्रभावित कर सकती है।
3 हड्डियों और मांसपेशियों पर संयुक्त प्रभाव
कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों ही शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों के लिए अत्यधिक आवश्यक हैं। इमली का संतुलित सेवन हमारे शरीर मे उपस्थित इन दोनों खनिजों के स्तर को बनाए रखने में काफी मदद कर सकता है।
परन्तु ज्यादा मात्रा में इमली का सेवन करना खनिजों के असंतुलन का कारण भी बन सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
संतुलित सेवन के फायदे
● पाचन तंत्र को सुधारना
● हड्डियों को मजबूती देना
● ऊर्जा उत्पादन में सहायता
सावधानियां
● अत्यधिक सेवन से बचें
इमली का अधिक सेवन हड्डियों और दांतों को कमजोर कर सकता है।
● गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए सीमित मात्रा में सेवन:
गर्भावस्था में कैल्शियम और मैग्नीशियम की आवश्यकता अधिक होती है, इसलिए इमली का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। जिससे कि Ca एवं Mg की मात्रा प्रभावित न हो सके।
● संतुलित मात्रा में इमली का सेवन कैल्शियम और मैग्नीशियम के लाभकारी प्रभाव प्रदान कर सकता है।
इमली imli
इमली (Tamarind) एक खट्टे-मीठे स्वाद वाला फल है, इसका वैज्ञानिक कुल का नाम Tamarindus indica है।
यह मुख्यतः उष्णकटिबंधीय जैसे क्षेत्रों में पाया जाता है। इमली की फली के अंदर खट्टा मीठा गूदा पाया जाता है, जो की इसके उपयोग का मुख्य भाग है। इसे भारतीय व्यंजनों में चटनी, सांभर, और करी जैसे रेसिपी में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इमली में विटामिन C, B, पोटैशियम, और फाइबर बहुत प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह पाचन तंत्र को सुधारने, शरीर की गंदगी की सफाई करने और शरीर की रोग पतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को भी स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।
औषधीय रूप में, इमली का बहुत महत्व है इसका उपयोग बुखार, कब्ज, और त्वचा संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। हालांकि, इसे अधिक मात्रा में खाने से acidity हो सकती है। इमली का उपयोग न केवल भोजन में बल्कि औषधि और सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों में भी बहुत अधिक किया जाता है।
इसे भी पढ़िये
इसे भी देखिये