केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार होगा 20 लाख करोड़, बनेगी 5 करोड़ नौकरियों की संभावना
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक देश का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे करीब 5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गडकरी ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को देश के कुल वायु प्रदूषण का लगभग 50% जिम्मेदार बताया। वे यह बात “ईवीएक्सपो 2024” के आठवें संस्करण में बोलते हुए कह रहे थे। इसके साथ ही, ईवी फाइनेंस मार्केट के भी 2030 तक 4 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
फॉसिल फ्यूल बना आर्थिक चुनौती, ग्रीन एनर्जी पर जोर: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फॉसिल फ्यूल से होने वाली समस्याओं पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का फॉसिल फ्यूल आयात करता है, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है। यह आयात देश में कई समस्याओं का कारण बन रहा है। गडकरी ने बताया कि सरकार ग्रीन एनर्जी पर जोर दे रही है, क्योंकि देश की 44% पावर उत्पादन क्षमता सोलर एनर्जी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जल विद्युत, सोलर पावर और बायोमास से ग्रीन एनर्जी के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
भारत को चाहिए 1 लाख इलेक्ट्रिक बसें, क्षमता सिर्फ 50,000: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक बसों की बढ़ती जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश को 1 लाख इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान उत्पादन क्षमता सिर्फ 50,000 बसों की है। उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनियों से अपील की कि वे गुणवत्ता से समझौता किए बिना अपने उत्पादन क्षमता का विस्तार करें, क्योंकि यह इसके लिए उपयुक्त समय है। गडकरी ने यह भी बताया कि 2014 में परिवहन मंत्री का कार्यभार संभालने के समय देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर का आकार 7 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है
भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार, अब चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अब दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जापान को पीछे छोड़ते हुए। अमेरिका 78 लाख करोड़ रुपये और चीन 47 लाख करोड़ रुपये के बाद भारत का स्थान है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच सालों में भारत को इस क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करना है, जिसमें चीन से मुकाबला करना सबसे बड़ा लक्ष्य है। गडकरी ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी तकनीक और गुणवत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि लिथियम-आयन बैटरी निर्माण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और टाटा, अडानी और मारुति जैसी कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं। देश में फिलहाल 16,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं, जबकि 2,800 और स्टेशन जल्द ही शुरू किए जाएंगे।